Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैंने हाथ बैठाये हाथी पर, मगर सवार नही पाया उस घोड

मैंने हाथ बैठाये हाथी पर,
मगर सवार नही पाया उस घोडे को।।
आज देख चित्तोड़ की भूमि,
भर आये आंसू अब रोने को।।
उठ उठ कर के बोली,
याद करो आज महाराणा को।।
दिन दिवस गए एक बरस,
अब आयी है बारी,मीठा है रस।
       क्यों कि आज है.......
.....।। राणा दिवस।।.......
   
 ~ अमन बिस्वाल #Maharana_Pratap jayanti ki hardik शुभ kamnaayein
मैंने हाथ बैठाये हाथी पर,
मगर सवार नही पाया उस घोडे को।।
आज देख चित्तोड़ की भूमि,
भर आये आंसू अब रोने को।।
उठ उठ कर के बोली,
याद करो आज महाराणा को।।
दिन दिवस गए एक बरस,
अब आयी है बारी,मीठा है रस।
       क्यों कि आज है.......
.....।। राणा दिवस।।.......
   
 ~ अमन बिस्वाल #Maharana_Pratap jayanti ki hardik शुभ kamnaayein

#maharana_pratap jayanti ki hardik शुभ kamnaayein #poem