मैंने हाथ बैठाये हाथी पर, मगर सवार नही पाया उस घोडे को।। आज देख चित्तोड़ की भूमि, भर आये आंसू अब रोने को।। उठ उठ कर के बोली, याद करो आज महाराणा को।। दिन दिवस गए एक बरस, अब आयी है बारी,मीठा है रस। क्यों कि आज है....... .....।। राणा दिवस।।....... ~ अमन बिस्वाल #Maharana_Pratap jayanti ki hardik शुभ kamnaayein