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मैं एक काँच का मूरत और वो शख़्स पत्थर था .. लिहाज

मैं एक काँच का मूरत और वो शख़्स पत्थर था ..

लिहाजा - टुकड़े टुकड़े होना मेरा मुक़द्दर था!

©Anupam Tiwari
  #पत्थर