नारी जगत की पालक हो तुम.. हर कण की अभिवाहक हो तुम.. कहीं कोमल रूप है बिटिया सा.. कहीं प्रेम रूप में भार्या हो.. कहीं मात रूप है अम्मा सा.. कहीं रौद्र रूप में काली हो.. इस एकल जीवन की अंतिम आशा हो तुम.. हे नारी ! हर मन की अभिलाषा हो तुम.. -✍ पीयूष बाजपेयी 'नमो' (काव्यपीयूष) #नमो #prb #काव्य_पीयूष #महिला_दिवस #kaavyapeeyush