प्यार तुम्हरा अब पाना नहीं फिर से दिल दुखाना नहीं अकेला हूं बेहद खुश हूं जो हूं अब मैं खुद मैं हूं तड़प नहीं रही अब ज़िन्दगी बन रही है अब ज़िन्दगी सिद्दात बाद मिला हूं खुद से अब नहीं खोना चाहता हूं खुद को खुद से जब शाम ढलती जाती हैं फिर उठता हूं सोके दुनिया के रंग से खुद को चलाता हूं बच के कहने को तो सब साथ हैं समय बताता है कोन हैं आपने देखो लड़ने की क्षमता करने लगा हूं खुद को बिखरे कर अब मैं जो समेटने लगा हूं टूट कर भी मुस्कुरा रहे हैं देखों कितने प्यार से आपने दर्द को लिख रहे हैं मैं हारा था बस इतना तुम जानती होगी फिर से लड़ने को खड़ा हूं अब नहीं जानती होगी अब ईमारत सा खुद खड़ा हूं तुम जैसे पर्वत पर रोज मैं चढ़ा हूं प्यार के बंधन से आजाद हूं कहने को तो अब मैं अकेला हूं लेकिन खुद मैं बहुत खुश हूं ankit प्यार तुम्हरा अब पाना नहीं फिर से दिल दुखाना नहीं अकेला हूं बेहद खुश हूं जो हूं अब मैं खुद मैं हूं तड़प नहीं रही अब ज़िन्दगी बन रही है अब ज़िन्दगी सिद्दात बाद मिला हूं खुद से अब नहीं खोना चाहता हूं खुद को खुद से