मैं कल्पना में डूबा लेखक हूं मुझे ओहदा मिला कविताओं का इन्हीं में संकलित है मोल भाव लटकी शाखाओं का तमाम बाहरी आडंबरो से दूर मुझ में छाप है बदलती दशाओं का रज़ामंदी भी टिकती नहीं मुझमें शायद कसूर ही है उन मुनासिब वजहों का जो अदृश्य सा बना है जीवन में जो काट रहा है एक-एक दिन बीती सलाहो का #Yãsh🖊 #Nojotopoem #Shayari #Emotion #Thinking #Thoughts #Quote #Writer #Lekhakh