तूझे खोजूँ तो कैसे खोजूँ , तुम चीनी सी घुल जाती हो । होंठो से लगती हो जैसे ही, नस - नस में मिल जाती हो । छूती हो जैसे ही मुझको, परछाई तक मिल जाती है । हूँ कितना मैं खुद का खुद में, फिर बात समझ ना आती है । #Love #poetry