Nojoto: Largest Storytelling Platform

तूझे खोजूँ तो कैसे खोजूँ , तुम चीनी सी घुल जाती हो

तूझे खोजूँ तो कैसे खोजूँ ,
तुम चीनी सी घुल जाती हो ।
होंठो से लगती हो जैसे ही,
नस - नस में मिल जाती हो ।
छूती हो जैसे ही मुझको,
परछाई तक मिल जाती है ।
हूँ कितना मैं खुद का खुद में,
फिर बात समझ ना आती है । #Love #poetry
तूझे खोजूँ तो कैसे खोजूँ ,
तुम चीनी सी घुल जाती हो ।
होंठो से लगती हो जैसे ही,
नस - नस में मिल जाती हो ।
छूती हो जैसे ही मुझको,
परछाई तक मिल जाती है ।
हूँ कितना मैं खुद का खुद में,
फिर बात समझ ना आती है । #Love #poetry