Nojoto: Largest Storytelling Platform

Unsplash तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या

Unsplash तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी,
क्या  ख़ामोशी को आवाज़ देगा।

तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी,
क्या किसी मुस्कान को सुकून देगा।

कितनी दफ़ा टूट कर बिखरे हैं अरमान,
ख़ुद तो संभल न सका, तू किसे क्या देगा।

तू साया भी तो न बन सका किसी का ' नवनीत ',
क्या और दिल को आराम देगा।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी,
क्या  ख़ामोशी को आवाज़ देगा।

तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी,
क्या किसी मुस्कान को सुकून देगा।

कितनी दफ़ा टूट कर बिखरे हैं अरमान,
Unsplash तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी,
क्या  ख़ामोशी को आवाज़ देगा।

तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी,
क्या किसी मुस्कान को सुकून देगा।

कितनी दफ़ा टूट कर बिखरे हैं अरमान,
ख़ुद तो संभल न सका, तू किसे क्या देगा।

तू साया भी तो न बन सका किसी का ' नवनीत ',
क्या और दिल को आराम देगा।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी,
क्या  ख़ामोशी को आवाज़ देगा।

तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी,
क्या किसी मुस्कान को सुकून देगा।

कितनी दफ़ा टूट कर बिखरे हैं अरमान,