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अधर्म को मूक बनकर, जो मात्र निहारे जाते हैं। भीष

अधर्म को मूक बनकर, 
जो मात्र निहारे जाते हैं। 
भीष्म हों, द्रोण हों या कर्ण हों, 
सब मारे जाते हैं।

©ASIF ANWAR
  #अधर्म