मौत के पीछे है सोच के ज़िन्दगी ये छोड़ गई झंझोडती हवाओं में पंखी बता कफ़न ओढ़ गई नीव रखनी सोच के कब्र खुद की खोद दी मौत के पीछे है सोच के ज़िन्दगी ये छोड़ गई मौत के पीछे है..?