लोग छिपाते फिरते हैं , मोहब्बत को लिफ़ाफे में ! वो इश्क़ ही क्या , जो पांव में पायल बांधकर नाचे ना ! लोग छिपाते फिरते हैं , मोहब्बत को लिफ़ाफे में ! वो इश्क़ ही क्या , जो पांव में पायल बांधकर नाचे ना !