Nojoto: Largest Storytelling Platform

दो गुलाब के फूल छू गए जब से होंठ अपावन मेरे ऐसी गं

दो गुलाब के फूल छू गए जब से होंठ अपावन मेरे
ऐसी गंध बसी है मन में सारा जग मधुबन लगता है।

रोम-रोम में खिले चमेली
साँस-साँस में महके बेला,
पोर-पोर से झरे मालती
अंग-अंग जुड़े जुही का मेला
पग-पग लहरे मानसरोवर, डगर-डगर छाया कदम्ब की
तुम जब से मिल गए उमर का खंडहर राजभवन लगता है।
दो गुलाब के फूल

©Rajasthan si
  Roje day
rajasthansi2555

Rajasthan si

New Creator

Roje day #शायरी

86 Views