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रिश्ते ये रिश्ते खूबसूरत कांच के वास से रिश्ते, ये

रिश्ते
ये रिश्ते खूबसूरत कांच के वास से रिश्ते,
ये खूब संभाले , पोंछे, सजाएं से रिश्ते,
हर आने जाने वाले को दिखाएं से रिश्ते,
कितने ही फूलों से सजाएं ये रिश्ते,
फितरत कांच सी ही लाए ये रिश्ते,
जो टूटे तो फिर न बन पाए ये रिश्ते।
जब जब समेटो तो चुभ जाए रिश्ते,
कहते है ऊपर वाले ने बनाए ये रिश्ते,
और वो एक महीन टुकड़ा जो चुभ गया फांक सा,
कोई हमसे ये पूछे कैसे भुलाए ये रिश्ते,
सच मगर ये कोई कांच का वास तो नही,,
जो टूटे तो फिर ले आए ये रिश्ते।
हम कहते है दिल से भुलाए ये रिश्ते,
सच कहो क्या सच में भूल पाए ये रिश्ते।

©Shivani Sharma
  टूटे रिश्ते

टूटे रिश्ते #समाज

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