तेजोमय प्रतिभावान दीन का, यथोचित स्थान का आभाव हुआ, तत्क्षण निज वतन में, आरक्षण का पूर्णरूपेण प्रादुर्भाव हुआ, आरक्षण की आड़ में जब, लाभार्थियों का कुटिल स्वभाव हुआ, आरक्षण अभिशाप बन गया, निरा आरक्षण का दुष्प्रभाव हुआ। आरक्षण से अनुचित लाभान्वित होते, मिलता जब इनको सम्मान, अनैतिक कुटिल स्वभाव परिपूर्ण, करते जनता का अपमान, अज्ञानी अल्पज्ञानी निस्तेज, छद्म कुटिलता इनकी पहचान, निज व्यवस्था पर पकड़ नहीं, उत्तरदायित्वों से होते अज्ञान। आरक्षण वरदान बने, निर्धन प्रतिभाशाली को मिले उचित स्थान, आरक्षण अभिशाप बने जब, प्रतिभावान को मात्र मिले अपमान। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ.. 🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों का प्रतियोगिता:-०९ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐 🥈आप सभी ८ से १० पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाएगा।