मेरे प्यार में उनका चेहरा, इस क़दर नज़र आया है, जिसे दिल की गहराइयों से चाहा, उसने ही रूलाया है। बेतकल्लुफी थी मेरी, जो दिल चीर कर दिखा ना सका, दूर जाने की वज़ह, दिल अब तक समझ ना पाया है। रूखसत हो गई मेरी ज़िन्दगी से, शाम ढलने से पहले, फ़िर ना जाने किसकी याद में, सूरज निकल आया है। #Contest16 (Hindi/उर्दू) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,