बस कुछेक पल लगते हैं जिन्दगी बनाने और मिटाने मे । बस कुछेक शब्द होते है जिन्दगी बिगाड़ने और सजाने के । बस एक नज़र होती है ठुकराने और अपनाने की । बस एक चाह होती है ठहर जाने और चले जाने की ।