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अपने में ही मगन रहते है सब डिजिटल जमाना है मोबाइल

अपने में ही मगन रहते है सब
डिजिटल जमाना है मोबाइल से कर देते है विश
और लिख कर भेज देते हैं कर रहे हैं मिस
बरसो हो गया दोस्तों के साथ मस्ती का 
कॉल से मैसेज तक ही रह गया हस्ति रिश्तों का। किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है:
इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे
और अब कोई कहीं, कोई कहीं रहता है

अब त्योहार नीरस होते जा रहे हैं। त्योहारों का सारा मज़ा मिलने-जुलने में है मगर अब यह मूल भावना ग़ायब होती जा रही है।

#कोईमिलनेनहींआता #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
अपने में ही मगन रहते है सब
डिजिटल जमाना है मोबाइल से कर देते है विश
और लिख कर भेज देते हैं कर रहे हैं मिस
बरसो हो गया दोस्तों के साथ मस्ती का 
कॉल से मैसेज तक ही रह गया हस्ति रिश्तों का। किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है:
इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे
और अब कोई कहीं, कोई कहीं रहता है

अब त्योहार नीरस होते जा रहे हैं। त्योहारों का सारा मज़ा मिलने-जुलने में है मगर अब यह मूल भावना ग़ायब होती जा रही है।

#कोईमिलनेनहींआता #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi

किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है: इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे और अब कोई कहीं, कोई कहीं रहता है अब त्योहार नीरस होते जा रहे हैं। त्योहारों का सारा मज़ा मिलने-जुलने में है मगर अब यह मूल भावना ग़ायब होती जा रही है। #कोईमिलनेनहींआता #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi