आँखों में बरसात, कट जायेगी रात, होठों पर मुस्कान, भीगे हैं जज़्बात, प्राणों में हलचल, बैठे पकड़े गात, मनुआँ उठे तरंग, हियरा डोले पात, अधरों पर अटकी, किससे बोलूँ बात, बची नहीं उम्मीद, पाकर ऐसी मात, 'गुंजन' को विश्वास, होंगे अच्छे हालात, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra #कट जायेगी रात#