Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब कभी खुद में परिवर्तन लाने का सोचती हूं, यह जिदं

जब कभी खुद में परिवर्तन लाने का सोचती हूं,
यह जिदंगी बार बार एक ही पड़ाव पर ला देती है |
जब कभी खुले आसमां में जाने का सोचती हूं, 
, यह जिदंगी धूल भरी आंधी ला देती है |
जब कभी खुद से मिलने का सोचती हूं, 
यह जिदंगी समझदारी का बोझ ला देती है | 
जब कभी एकतरफा समुद्र की तरह बात करने का सोचती हूं, 
यह जिदंगी मौन की बरसात ला देती है |
जब कभी किताबों से मोहब्बत करने का सोचती हूं,
 यह जिदंगी दुनिया के भारीपन को सिखला देती है |
किस मोड़ पर, कहां तक, कोई कब तक, कौन? कैसे साथ रहे, 
यह जिदंगी दो वक्त में सवालों की बौछार ला देती है,

©Shubhi Jain
  #alone #Good #nojato #motivatation