Nojoto: Largest Storytelling Platform

बेघरों के लिए मैदान बहुत होता है देख लेना भी मेरी

बेघरों के लिए मैदान बहुत होता है
देख लेना भी मेरी जान बहुत होता है

ज़ख़्म खाने के लिए खुशियां मनाने के लिए
सच कहूं एक ही इंसान बहुत होता है

©राहुल रौशन
  ✍️तजदीद कैसर साहिबा✍️

✍️तजदीद कैसर साहिबा✍️ #शायरी

1,327 Views