Unsplash कभी पतझड़ कभी सावन, कभी बसन्त तो कभी बहार है, यही तो हर साल का श्रृंगार है। कभी गम तो कभी खुशी यही जीवन का, आधार हैं। चार साल बाद भी किसी दोस्त की याद में तड़पना शायद यही प्यार है। ©साधना चौधरी #leafbook