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हम आदतें कभी बदल के देखें अँधेरा हो घना तो जल के द

हम आदतें कभी बदल के देखें
अँधेरा हो घना तो जल के देखें घपोचन जी कहिन- ५
"""""""""""'"
दूध लेकर आ रहा था कि घपोचन जी दीख गए।आमतौर पर इनर्जीआए (फुल ऑफ इनर्जी) रहने वाले घपोचन जी अपेक्षाकृत कुछ सुस्त-से लगे।सो पूछ बैठा―
'क्या हाल है घप्पू भाई! आज दीपावली के दिन भी बुझे-बुझे-से लग रहे हैं,सब ठीक तो है न!'
'मर्दे! हम आपको बूझल (बुझा हुआ) लग रहे हैं!हम तो भीतरे-भीतर (अंदर-ही-अंदर) जल रहे हैं,या यूँ कहिए कि जल चुके हैं बस राख होना बाक़ी है।' कहते-कहते घपोचन जी फफक पड़े।आँसुओं की अविरल धारा उनके आँखों से निकलकर कपोल-प्रदेश (गाल) को भिगोने लगी। वे हिचकियाँ लेते हुए बोले―

'अक्ल पे उनकी आता है मुझको तरस 
चलती साँसों को जो ज़िंदगी कहते हैं....
हम आदतें कभी बदल के देखें
अँधेरा हो घना तो जल के देखें घपोचन जी कहिन- ५
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दूध लेकर आ रहा था कि घपोचन जी दीख गए।आमतौर पर इनर्जीआए (फुल ऑफ इनर्जी) रहने वाले घपोचन जी अपेक्षाकृत कुछ सुस्त-से लगे।सो पूछ बैठा―
'क्या हाल है घप्पू भाई! आज दीपावली के दिन भी बुझे-बुझे-से लग रहे हैं,सब ठीक तो है न!'
'मर्दे! हम आपको बूझल (बुझा हुआ) लग रहे हैं!हम तो भीतरे-भीतर (अंदर-ही-अंदर) जल रहे हैं,या यूँ कहिए कि जल चुके हैं बस राख होना बाक़ी है।' कहते-कहते घपोचन जी फफक पड़े।आँसुओं की अविरल धारा उनके आँखों से निकलकर कपोल-प्रदेश (गाल) को भिगोने लगी। वे हिचकियाँ लेते हुए बोले―

'अक्ल पे उनकी आता है मुझको तरस 
चलती साँसों को जो ज़िंदगी कहते हैं....
ghumnamgautam7091

Ghumnam Gautam

Silver Star
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