#सेंगोल #नव_संसद_भवन नव संसद भवन बना अति सुन्दर, हर्षित है अग्नि,जल, थल व् अम्बर। प्रधान का दमख़म जग जाना, देश को दे गौरव पल नाना । प्रतीक एक सेंगोल शीर्ष नंदी, बना अब अगुवाई का संगी। चोल वंश को फिर जग जाना, भारत ने अनुपम पल माना । हुए अब लक्ष्मी कमल उजागर, धन्य संसद घर सेंगोल पाकर। धनधान्य का चिन्ह जग जाना, हस्तांतरण परंपरा को माना । इतिहास एक नया बन आया, जाग उठी अब सनातन काया। संपन्न सभ्यता को जग जाना, धैर्य शक्ति साहस को माना । भारत भू फैला उजियारा, हुआ वेद विवेचन दोबारा। जाग्रत करते राज को जाना, प्रधान को धर्म रक्षक माना । तैयार नव भारत कलेवर, चला भारत उन्नति रथ लेकर। निश्चित विजय को जग जाना, विश्व ने विशिष्ट भारत माना । -कवि आनंद दाधीच 'दधीचि', भारत ©Anand Dadhich #sengol #poem #CentralVista #india #newparliament #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindipoetry