बनारसी प्यार गुलाब सूखा हो चाहे ताज़ा, तुम्हें बनारस याद दिलायेगा । क्षणभर के लिए हीं सही, पर आँखों को ज़रूर नम कर जायेगा ।। जब जब बन्द करोगे आँख, ज़ेहन में बस इक खयाल आयेगा । काश की लौट आता वहीं पल, दिल फ़िर से बनारसिया बन पगलायेगा ।। राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी बनारसी प्रेम