आओ फिर से बच्चे बने। आओ फिर से बच्चे बन जाए हम, घर पर खूब उधम मचाए हम। बेफिक्री से यहां वहां घूमे हम, बेबाक, बिना चिंता जिये हम। बचपन में हर चीज सच्ची लगती थी, हर लोग अपने दिखते थे। सच्चाई आँखों में झलकती थी, फरेबी लोग कम ही मिलते थे। आज की दुनिया का दस्तूर है, लोग पीठ में छुरा घोपते है। फिर सामने से गले मिल, कुशल क्षेम पूछते है। किस पर विश्वास करे, किसको अपना समझे। हम तो इस उम्र में भी कच्चे है। बनते सबकी हाथ की कठपुतली है। आओ फिर से बच्चे बने। #collabchallenge #collabwithjogi #collabwithकोराकाग़ज़ #collabwithkanmani #collab_yqdidi #collab_king #collabwithyqdidi #collabwithकाव्यपथिक