दिल से जो उनकी हम सताइश करने लगे रो रो कर आँखों से वो बारिश करने लगे वो कलंदर भी कोई शाहों से कम नहीं अपनी गर्दिश में भी जो बख़्शिश करने लगे वो तो दिल देना चाहती थी अपना हमे हम तो बस जिस्म की ही ख़्वाहिश करने लगे कुछ तो हम भी मनाने को अब तैयार थे कुछ वो भी मानने की कोशिश करने लगे आँखे तो खूब कर चुकी हाले दिल बयां काश अब लब भी थोड़ी जुम्बिश करने लगे *सताइश- तारीफ़ *गर्दिश- बुरा वक़्त *जुम्बिश- हिलना डुलना #NojotoQuote