विधाता की अनमोल कृति! सहनशीलता की जीवंत मूर्ति!! ममतामई ; व्यक्तित्व! ढूंढती है,अपना अस्तित्व!! हर मां की है पहचान! बाबुल की है आन व बान!! नारी है शांति ; नारी ही क्रांति! जगत जननी ; मृदुभाषीनी!! स्वतंत्र विचार ; उत्साह अपार! जीवन पथ पर अड़चने हजार!! ना रूकती ; ना झुकती ; नए रंग भरती! अपनी उड़ान को पूरी करती!! #Naari👣 #naarishakti #womanpower