White "दोस्तों के नाम चंद लम्हें है" मुझे तुम आज के वक़्त की नज़र से मत देख मिरे दोस्त मैंने जब भी दिया केवल साथ दिया जलील नहीं किया..! इक़ तुम हो ज़रा सी शाबाशी पर आसमां छेदते हो यहाँ मिरे हौंसले का ऐतबार कर, गिरता मकां संभाल रखा है.! हमनें लोग नहीं दोस्त कमायें है आजतक,पता कर तु भी अपने गिरेबाँ में झांक कभी तु भी, देख क्या बचा रखा है.! ज़रा सी बात पर जाहिलियत पे उतर आता है कभी कभी बहुत दौलत वालों को देखा है,क्या तु इंसान कमा रखा है.! इंसान को अब इतना भी हल्का नहीं होना चाहिये, सुन हल्की उल्टी हवा चली,बाहर आ गयीं,गुबार ज़मा रखा है.! धीरज रख मेरे यार, तु तो आतताई होता जा रहा है अब सब यहाँ तेरी तरह ही है,क्या तु ख़ुद को ख़ुदा बना रखा है.! मुझे देखते है सब यहाँ,जानते बहुत कम है,पता कर तु हो सकता है अभी हवा में है तु,मैंने तूफ़ा संभाल रखा है.!! ©Shreyansh Gaurav #दोस्त