अब वो कतराते हैं हमसे, तो चलो बेहतर है! कहीं कुछ 'बात' न हो जाए, चलो बेहतर है!! जिसकी खातिर है चुना, राहें-इशक का ये सफ़र! हमसफ़र को नहीं खबर है, चलो बेहतर है!! मेरे सांसों में घुला अक्श खुदाया तेरा! मेहरबां अश्क हो गये है, चलो बेहतर है!! एक समंदर है, जो ठहरा मेरी निगाहों में! मेरे बेकाबू है जज्बात चलो बेहतर है!! रात सन्नाटों का अब चीरता अंदर अंदर! दर्द की हो रही बरसात चलो बेहतर है!! नहीं अल्फाज़ बचें ग़म को बयान कर दे हम! हुए ख़ामोश भी एहसास चलो बेहतर है!! हम भरे आह! सनम वाह-वाह करते हैं! इस तरह छुप गए ज़ख्मात चलो बेहतर है!! जख्म अपनों के हो, वह दर्द से तड़प जाते! मेरे जख्मों की क्या औकात चलो बेहतर है!! जर्रे जर्रे में समाया तेरी यादों का भरम है ऐसे! अजनबी से हुए हालात चलो बेहतर है!! कैसे फरमाएं, कैसे गुफ्तगू की पैरवी हो! हरफ़ भी चुप हुए आवाज़ चलो बेहतर है!! चांदनी नूर से इन अश्कों को मोती कर दे! इस तरह गुजरे मेरी रातें चलो बेहतर है!! खुश रहे वह सदा देती हूं दुआएं दिल से! मिट रहें अब बुरे लम्हात चलो बेहतर है!! है मेरी रुख़सती तुम आंखें नम नहीं करना! जाया हो ना मेरी जकात चलो बेहतर है!! #samvedita💌 #ShiningInDark