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संवेदिता "सायबा"
अब वो कतराते हैं हमसे, तो चलो बेहतर है! कहीं कुछ 'बात' न हो जाए, चलो बेहतर है!! जिसकी खातिर है चुना, राहें-इशक का ये सफ़र! हमसफ़र को नहीं खबर है, चलो बेहतर है!! मेरे सांसों में घुला अक्श खुदाया तेरा! मेहरबां अश्क हो गये है, चलो बेहतर है!! एक समंदर है, जो ठहरा मेरी निगाहों में! मेरे बेकाबू है जज्बात चलो बेहतर है!! रात सन्नाटों का अब चीरता अंदर अंदर! दर्द की हो रही बरसात चलो बेहतर है!! नहीं अल्फाज़ बचें ग़म को बयान कर दे हम! हुए ख़ामोश भी एहसास चलो बेहतर है!! हम भरे आह! सनम वाह-वाह करते हैं! इस तरह छुप गए ज़ख्मात चलो बेहतर है!! जख्म अपनों के हो, वह दर्द से तड़प जाते! मेरे जख्मों की क्या औकात चलो बेहतर है!! जर्रे जर्रे में समाया तेरी यादों का भरम है ऐसे! अजनबी से हुए हालात चलो बेहतर है!! कैसे फरमाएं, कैसे गुफ्तगू की पैरवी हो! हरफ़ भी चुप हुए आवाज़ चलो बेहतर है!! चांदनी नूर से इन अश्कों को मोती कर दे! इस तरह गुजरे मेरी रातें चलो बेहतर है!! खुश रहे वह सदा देती हूं दुआएं दिल से! मिट रहें अब बुरे लम्हात चलो बेहतर है!! है मेरी रुख़सती तुम आंखें नम नहीं करना! जाया हो ना मेरी जकात चलो बेहतर है!! #samvedita💌 #ShiningInDark
संवेदिता "सायबा"
चलो हम इंतजार करते हैं... एक नहीं बार बार करते हैं... वो जो ठहरा गएं है हमको यहां, नाम उनका पुकारा करते हैं..... #basEkSoch #Samvedita💌 #waiting #baseksoch✍️ #samvedita💌 #alone
संवेदिता "सायबा"
निकले थे खुद को खोजने, खुद को गवां दिए.... राहें इशक में इस तरह, खुद को लुटा दिए... #basEkSoch #samvedita #baseksoch✍️ #samvedita💌 #findingyourself
संवेदिता "सायबा"
अब वो कतराते हैं हमसे, तो चलो बेहतर है! कहीं कुछ 'बात' न हो जाए चलो बेहतर है!! जिसकी खातिर है चुना राहें-इशक का ये सफ़र! हमसफ़र को नहीं खबर है, चलो बेहतर है!! मेरे सांसों में घुला अक्श खुदाया तेरा! मेहरबां अश्क हो गये है, चलो बेहतर है!! #samvedita💌 #ShiningInDark
संवेदिता "सायबा"
बेहिसाब किसी का भी भला न सोचा कर, ऐ दिल! जमाना बदल गया है, खून का रिश्ता होना जरूरी है!! 😭 #BasEkSoch #Samvedita💌 #meltingdown
संवेदिता "सायबा"
"राजधर्म के खल निराले" आजादी है नाम का रोना, और नहीं कुछ काम है होना। जिम्मेदारी दिया था जिसको, बेच रहा सब समझ खिलौना। लोकतंत्र में लोक का रोना, प्रतिभा का विक्षोभ है होना। नहीं सुरक्षित आज सभी जन, कल हुआ मिथ्या सपन सलोना। डामाडोल हुआ सब रोना, विष्मय में मन अब क्या होना। युवक गण का तोड़ मनोबल, दीमक है खा जाए घरौंना। किस पथ........ #samvedita #angerInMe #baseksoch✍️ #samvedita💌
संवेदिता "सायबा"
ना मैं कोई श्रेष्ठ, और ना श्रेष्ठतम की पुंज हूं। बस सरल हूं और सहज, एक आत्मा की गूंज हूं। आस्था और प्रेम का, प्रमाण मिलना है कठिन। देना पड़े गर साक्ष्य, ऐसी आस्था को तंज दूं। विश्वास का जो भाव है, जागृत है होता आत्म से। जब आप ही साक्षी बने, फिर क्यों कहीं वर्णन करूं। "संवेदिता" #samvedita💌 #angerInMe #angerInMe #samvedita💌 #baseksoch✍️
संवेदिता "सायबा"
हम तो अनकहे एहसास के अल्फाज हैं लिखते, समझकर तुमने भी साहिब! बहुत सा प्यार हो लिखते। करूं मैं शुक्रिया उन लफ़्ज़ों से किसने सुना ना हो, बना हर दर्द का मरहम तुम्हारा प्यार है लिखते। #BasEkSoch #Samvedita #Love #BasEkSoch #samvedita💌
संवेदिता "सायबा"
संवेदिता "सायबा"
"कहां से लाऊं ऐसा मीत" जो मीलों रहकर जान सके... बिन कहे सुने पहचान सके... कहां से लाऊं ऐसा मीत....? मन के इस निर्मम पीड़ा को... नि: शब्द हुए संवेदों को... कहां से लाऊं ऐसा गीत...? जो मीलों रहकर जान सके! कहां से लाऊं ऐसा मीत? मुस्कान तले उन कष्टों को... आशा से रहित निराशा को... कहां से लाऊं आशातीत..? जो मीलों रहकर जान सके! क्षण क्षीप्ति चक्षु के घेरों को... प्रकाश रहित अंधेरों को... कहां से लाऊं ऐसा दीप्ति..? जो मीलों रहकर जान सके! एक प्रेम दिवानी राधा को... दुजी दरशन प्यासी मीरा को... कहां से लाऊं ऐसी प्रीति..? जो मीलों रहकर जान सके! इस निश्छल प्रेम की शक्ति को.. उस दरश भाव की भक्ति को... कहां से लाऊं आत्म पुनीत..? जो मीलों रहकर जान सके! कहां से लाऊं ऐसा मीत....? #BasEkSoch #samvedita💌 #lovefriendship #Yaari