जब दिल टुटा तो पता चला ईंटो का वज़न कम था, फिर भी न जाने क्यों लोग बीच में दिवार लगा देते हैं। सूरज बिना छुए कितने फूल खिला देता है, चिराग हूं, कोई अन्धेरा ढूंढकर हम भी कोई गुल खिला देते हैं। ताबूत ही तो सुन्दर चाहिए था उसे,पर न मिला, आखिरी इच्छा थी उसमे भी लोग कील गाड़ देते हैं।