स्कूल और बेंच स्कूल कि वो यादें बेंच पे बैठे-बैठे हो जाती थी अगामी दिनों के खेल कि योजनाओं कि बातें टीचर रहते थे क्लास में और टाँफीयां बट जाती थी सबके हाथ में जब-जब टीचर करते थे प्रकाश की गति कि बात हम कर जाते थे अपनी गतिविधि स्टार्ट अब जब भी याद आती है वो बात कमीं महसूस हो जाती है वो दोस्तों के हाथों में हाथ #स्कूल #बेंच