ऑनलाइन क्लास की व्यथा तुमको रहे बताएं स्क्रीन पर बैठी बैठी टीचर स्वर व्यंजन सिखलाए इधर क्लास का समय हुआ बिटिया को रहे उठाएं अल्टी पलटी होती है पर उसकी आंख नहीं खुल पाए जैसे तैसे उठ कर बैठी , पर बाल रहे बिखराए ठंडी थी तो बच गए हम भी टोपा दिया लगाए हमने भी कर ऑन केमरा लेपटॉप दिया चलाए ड्रेस पहन कर बैठी बिटिया टीचर रही बुलाए सास बजाती घंटी टनटन ,सुर छुटकू रहा मिलाए झाड़ पोंछती बाई भी देखो ,स्क्रीन पर नाच दिखाएं आंख मींचकर बच्चे बैठै समझ कछु ना आए इंग्लिश का ई हिंदी का ह सब ऊपर से ही जाए जोड़ घटाना गणित का देखो सबके होश उड़ाए टीचर की हालत भी पतली कैसे सब सिखलाए भूख लगी थी पेट था खाली कैसे कलम चलाएं बंद कैमरा करके बच्चे, नाश्ता रहे चबाएं कीमत इस पढ़ाई की सबकी आंखें रही चुकाए बोझ नहीं कांधे पर लेकिन ,नंबर चश्मे का बढ़ जाए ऑनलाइन क्लास की व्यथा तुमको रहे बताएं स्क्रीन पर बैठी बैठी टीचर स्वर व्यंजन सिखलाए ©अपर्णा विजय #online education #Teachersday