Tum nurse ho acha To meri nabz dekho Beemar to nhi hu mai Acha bahane se aya hu Aate jaate samandar ko ese dekhta Ek samandar h mujhme bhi regta Jese samandar ka hu Mai devta रूह फ़ना है जिस्म हल्के हैं आँखों से सिर्फ अश्क़ ढलके हैं सब इक दुसरे से लड़ते है जैसे आ गए हो तेखाने में ये गर इंसान है तो अच्छे है फ़िर शराबी मैखाने में किसान परेशान आज का इंसान बेरोजगार भुखमरी का शिकार वहां शराब छलकती अमीर के पैमाने में ऐ खुदा सुन दुआ जो ताज ओ तख़्त पलट दे ऐसा कोई मसीहा पैदा कर इस ज़माने में ये उदास चेहरे अनपढ़ बादशाह पढ़ना ना जाने धर्म के नाम पे दंगे मिलते है नज़राने में और ये झूठी मिडिया कोई दबा दो इनका टेटुआ इन्हे कोई सनद हासिल है सच को छुपाने में बहुत सहल है बस्ती में आग लगाना किसी का घर ढाना,सुन हरामखोर तेरी सारी ज़िन्दगी गुज़र जाएगी एक आशियाना बनाने में अभी झुलसी है राख़ है बस आशियाने की अभी एक मुद्दत लगेगी वक्त आने में फ़िज़ा आने में इंकलाब का कोई चराग जलाने में गहरी तन्हाई और स्याह रात में निकलते है कुछ जज़्बात तु अभी और शराब डाल दे खाली पैमाने में ©qais majaaz,3rdmaster #smog