दिल भी टूटा है महज़ दिल के सिलसिले ही नहीं मुझमें वो शख़्स न ढूँढ़ो कि जो मिले ही नहीं आज तुम हो तो दरीचे पे खड़ा है सूरज सुबह की धूप ये मुमकिन है कल खिले ही नहीं #ManojMuntashir #ManojMuntashirKiDiarySe