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तेरी मिन्नतें सज़दे करके अब तो हार गया हूँ मैं मेर

तेरी मिन्नतें सज़दे करके अब तो हार गया हूँ मैं 
मेरा ख़्वाव था तेरा होना,अब बिछड़ गया हूँ मैं.!

ज़लील अभी कितना होना है मुझे,पता नहीं है 
ज़िल्लत बहुत उठायी के साथ रहूं,छूट गया हूँ मैं.!

सोचता हूँ तीर्थ करूँ,हज़ को जाऊ,मुक़म्मल हो 
साथ तेरे ही रहूं हमेशा,फ़िर क्यूँ बिछड़ गया हूँ मैं.!

मिरी चाहतों में कौन सी कमी रह गयी,नहीं पता 
ख़ुद को महसूस करता रहा तुममें,टूट गया हूँ मैं.!

इक़ तेरे शिवा ख़्वाव भी न देखा हमनें,जानती हो 
तुमने तोड़ दिया हकीकत में,अब बिखर गया हूँ मैं.!!

©Shreyansh Gaurav #Rose
तेरी मिन्नतें सज़दे करके अब तो हार गया हूँ मैं 
मेरा ख़्वाव था तेरा होना,अब बिछड़ गया हूँ मैं.!

ज़लील अभी कितना होना है मुझे,पता नहीं है 
ज़िल्लत बहुत उठायी के साथ रहूं,छूट गया हूँ मैं.!

सोचता हूँ तीर्थ करूँ,हज़ को जाऊ,मुक़म्मल हो 
साथ तेरे ही रहूं हमेशा,फ़िर क्यूँ बिछड़ गया हूँ मैं.!

मिरी चाहतों में कौन सी कमी रह गयी,नहीं पता 
ख़ुद को महसूस करता रहा तुममें,टूट गया हूँ मैं.!

इक़ तेरे शिवा ख़्वाव भी न देखा हमनें,जानती हो 
तुमने तोड़ दिया हकीकत में,अब बिखर गया हूँ मैं.!!

©Shreyansh Gaurav #Rose