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हर आहट पे तेरे आने का साबब्त इंतजार तेरी रह गुज़र क

हर आहट पे तेरे आने का साबब्त इंतजार तेरी रह गुज़र के लिए..
खुला रखा है मैंने दरवाज़ा ए दिल कब से तेरे दिल ए बसर के लिए..!
पहले छिपे थे तुम कहाँ क्यों दूर थे तुम दो बता..
फ़िर से गुलाबों में मची है होड़ तेरे साथ के लिए..!

©Rishika Srivastava "Rishnit"
  #walkalone 
#Rishnit