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Rishika Srivastava "Rishnit"
मन मुड़-मुड़ जाता ऐसे रिश्तों की ओर बाँधें जिनको कच्चे रेशम की डोर.. बंधन रक्षा का निभाना भाई, बोले रेशम की डोर.. अकेलेपन में दूर करना तन्हाई ,बोले रेशम की डोर.. तू है हीरे सा अनमोल, बोले रेशम की डोर.. भाई आ जाना हर साल बनके भोर, बोले रेशम की डोर.. खट्टी-मीठी यादों का कहना, ताउम्र संग-संग रहना.. पकड़कर एक-एक छोड़, बोले रेशम की डोर..!! ©Rishika Srivastava "Rishnit" #rakshabandhan #Rishnit #rakshabandhan2023 #Rakhi
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टूटी ज़रूर हूँ, पर हारी नहीं हूँ, मैं तन्हा ज़रूर हूँ, पर घबराई नहीं हूँ, राहें मुश्किल हैं मेरी, पर डगमगाई नहीं हूँ, सफ़र लंबा है मेरा, पर हिचकिचाई नहीं हूँ, चीज़ें शायद ज़रा आसान होतीं, जो हमसफ़र का साथ होता, पर कभी भी किसी को, मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, मुझे भरोसा है, पर बना लूँगी, मैं अपना नया आशियाँ। ©Rishika Srivastava "Rishnit" #TiTLi #Rishika #8:00 #Rishnit
Rishika Srivastava "Rishnit"
जमीं पे चांद कहाँ रोज़-रोज़ उतरता है.. रात के मुकद्दर में ये नज़ारा कहाँ रोज़-रोज़ मिलता है..! ©Rishika Srivastava "Rishnit" #Rishnit #Chand #Sagar #Samundar #
Rishika Srivastava "Rishnit"
मैं अपने हर बिखराव से जज्बातों की नई ज़मीन तोरूँगी कोई चाहें मुझे कितना भी बिखरा दे मुझे किसी की बेबफाई क्या नाउम्मीद करेंगी चाहें कोई मुझे कितना भी डरा दे न मैं अब तुझसे कोई शिकवा करूँगी, न ही शिकायत, तकदीर और क़िस्मत की लकीरों पे ही भरोसा करूँगी मैंने तो तुझे खुदा मान कर तेरी ही इबादत करना चाहा था हमेशा.. पर मेरी चाहत में ही कमी थी शायद जो तुझे मेरी मुहब्बत कभी दिखी ही नहीं अब तेरे नज़दीक जाने की न कभी कोशिश करूँगी..!! ©Rishika Srivastava "Rishnit" #SAD #PoetryMonth #Rishnit #9:24 #BoloDilSe #PoetryMonth
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अक़ीदत-ए-कल्ब करने वाला ग़म-गुसार चाहिए.. दरमियाँ-ए- गुल मंडराने वाले भवरें तो हज़ार देखें इन फूलों के बीच..!! ©Rishika Srivastava "Rishnit" अक़ीदत-ए-कल्ब = दिल का भरोसा ग़म -गुसार= हमदर्द दरमियाँ-ए-गुल = फूलों के बीच #girl #Rishika #Rishnit #3:40pm
Rishika Srivastava "Rishnit"
वो हमसफ़र था.. मग़र उससे हम-नवाई न थी.. ये धूँप-छाँव का आलम था.. मग़र ये जुदाई न थी.. साथ तो बस कहने का था.. मग़र हाथों में हाथ नहीं था.. सब कुछ था पास मेरे,, बस सिर्फ़ वो जो सबसे ख़ास था.. वो ही पास नहीं था,, बहुत सी दिल में बातें थी बताने को,, मगर उसे मुझपे विश्वास नहीं था.. वो कहने को तो हमसफ़र था.. मग़र उसके लिए मैं ख़ास नहीं थी..!! ©Rishika Srivastava "Rishnit" #बसयूँही #4:48pm #Rishnit #कुछबातें
Rishika Srivastava "Rishnit"