क्रातिमय वाणि (stet2019) =============== उफ! क्या कहानी हो गया है सारा खुन पानी हो गया है हमारी रात दिन की मेहनतें क्यों आज बेमानी हो गया है हमारा हक छीनने वाला नेता सुना है बड़का दानी हो गया है हमारे असफल साथी कह रहे हैं संग उनके बेईमानी हो गया है टुटकर पेड़ो से पत्ते कह रहे हैं अब मौसम तुफा़नी हो गया है छीन लो हक़ बढ़कर आगे क्रांतिमय अब वाणि हो गया है ©Qamar Abbas #STET2019