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भाषा व्यक्तित्व का आईना है, इसीलिए जब भी बोले संभ

भाषा व्यक्तित्व का आईना है, 
इसीलिए जब भी बोले संभल कर बोले,
मुखौटा डालकर अपने व्यक्तित्व को, 
कुछ पल के लिए ढाका तो जा सकता है, 
पर आप जो हैं, जैसे हैं, 
कुछ समय के पश्चात व्यक्त हो जाता है, 
अपनी बुराइयों को ढकने की नहीं, 
बल्कि बदलने की आवश्यकता है,
ईश्वर की रचना है इंसान, वह बुरा नहीं होता,
जरूरत है सही और गलत समझने की,
खुद के अंदर छिपी बुराई को खत्म करने की,
अपनी भाषा और व्यक्तित्व को शुद्ध करने की। #purethoughts
भाषा व्यक्तित्व का आईना है, 
इसीलिए जब भी बोले संभल कर बोले,
मुखौटा डालकर अपने व्यक्तित्व को, 
कुछ पल के लिए ढाका तो जा सकता है, 
पर आप जो हैं, जैसे हैं, 
कुछ समय के पश्चात व्यक्त हो जाता है, 
अपनी बुराइयों को ढकने की नहीं, 
बल्कि बदलने की आवश्यकता है,
ईश्वर की रचना है इंसान, वह बुरा नहीं होता,
जरूरत है सही और गलत समझने की,
खुद के अंदर छिपी बुराई को खत्म करने की,
अपनी भाषा और व्यक्तित्व को शुद्ध करने की। #purethoughts
deepti6089002579399

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