Nojoto: Largest Storytelling Platform

#सच के करीब# #ये कांटे खुद बोने वाले हैं और आसान र

#सच के करीब#
#ये कांटे खुद बोने वाले हैं और आसान रास्ते ढूंढते हैं।
पेड़ों की संख्या गिनने वाले आजकल छांव ढूंढ़ रहे हैं!
कभी मंदिर, कभी मस्जिद, कभी चर्च जाते हैं।
वो भोले-भाले लोग तेरी परछाई को ढूंढ़ रहे हैं !
#जिनको वो अंदर नही मिला उनको बाहर भी नहीं मिलेगा,
वो भोले लोग हैं जो आजकल तुम्हारा पता ढूंढ रहे हैं!
#सुनो समय का शासन बेबस जनता का,
वो वोटों को देकर आज मैं आपका पता 
खोज रहे हैं!
कलम की जीत हमेशा शब्दों की खोज होती है।
पन्ने सच के करीब हैं जो काम ढूंढते हैं !!
 ✍️जितेंद्र जीत 
मेरी एक पंजाबी कविता का हिंदी अनुवाद सूझवान पाठकों केलिए

©jeet musical world
  #lonely