White कितने झूठे होते हैं ये लोग न तो अपने होते हैं न ही गैर होते है वक्त बेवक्त आपको ये ज़लील करते है कभी हँसकर तो कभी झल्लाकर कभी मुस्कुरा तो कभी फुसफुसा कर तेरे ही इर्द गिर्द तेरा तिरस्कार करते है वैसे तो ये खुद को तुम्हारा सागा कहते है जब होगी अपनों की जरूरत तो ये झूठी बातें कह ठगा करते हैं सामने से मुस्कुरा कर मिलते हैं जैसे ही नज़र हटी ये जोर - जोर से तेरे ही नाम का शोर गुल करते हैं होते तो हैं ये अपने से अपनापन सा व्यवहार करते हैं जो चार कदम दुख में चलना हो तो गैरों से भी गैर निकलते हैं...by Bina singh ©bina singh #लोग #गैर #दिखावा #अपने #लाइफ #Life