" मैं और तुम मिलेंगे इस ख़्याल से की , अब भी कुछ ख़्याल की गुंजाइश बाकी हैं , राब्ता करें तो करें कैसे इस शहर में , अभी हमारे जान-पहजान की नुमाइश बाकी है . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " मैं और तुम मिलेंगे इस ख़्याल से की , अब भी कुछ ख़्याल की गुंजाइश बाकी हैं , राब्ता करें तो करें कैसे इस शहर में , अभी हमारे जान-पहजान की नुमाइश बाकी है . " --- रबिन्द्र राम #ख़्याल #गुंजाइश #राब्ता