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White सागर है उसके लहरें है फिर भी.... मेरे ग

White 

सागर है 
उसके लहरें है 
फिर भी.... 
मेरे गांव की आंगन है 
दलान है...।
खेत की आड़ी है 
बाजार जाती...
एक  कच्ची सड़क है 
दादी के आंचल में... 
बंधी मेरे हाथों की....
लाई बीड़ी का पन्नी है 
जल रही है एक उनके होंठों पर 
जैसे मेरे मुस्कान खुले  हुए हैं... 
बाबू जी के कंधों पर बैठ कर..!!

दादा अब सिमित है 
अपनी चौकी पर,
ठाकुरवाड़ी पर.... 
लौट रहे जेठ वैशखा के 
कंधे पर गमछा में... 
हमरे लिए आमवा लिए..!
ले पोता खा ले ..... 
बस यही सब यादों के काग़ज़ में है..!! 

रामायण के  सिया राम.... 
बाबू जी के होंठों पर है
बोलो सियावर राम चन्द्र की जय में है....
आरती के देव ऋषि हीतकारी में है.... 
बाबू जी संग फ़ोटो ... अब यादों के पन्नों में है..!!

©Dev Rishi #Sad_Status #बाबूजी
White 

सागर है 
उसके लहरें है 
फिर भी.... 
मेरे गांव की आंगन है 
दलान है...।
खेत की आड़ी है 
बाजार जाती...
एक  कच्ची सड़क है 
दादी के आंचल में... 
बंधी मेरे हाथों की....
लाई बीड़ी का पन्नी है 
जल रही है एक उनके होंठों पर 
जैसे मेरे मुस्कान खुले  हुए हैं... 
बाबू जी के कंधों पर बैठ कर..!!

दादा अब सिमित है 
अपनी चौकी पर,
ठाकुरवाड़ी पर.... 
लौट रहे जेठ वैशखा के 
कंधे पर गमछा में... 
हमरे लिए आमवा लिए..!
ले पोता खा ले ..... 
बस यही सब यादों के काग़ज़ में है..!! 

रामायण के  सिया राम.... 
बाबू जी के होंठों पर है
बोलो सियावर राम चन्द्र की जय में है....
आरती के देव ऋषि हीतकारी में है.... 
बाबू जी संग फ़ोटो ... अब यादों के पन्नों में है..!!

©Dev Rishi #Sad_Status #बाबूजी
devrishidevta6297

Dev Rishi

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