Nojoto: Largest Storytelling Platform

दोस्ती पर तुम्हारी इतराती हूं में, मुस्किलो में जी

दोस्ती पर तुम्हारी इतराती हूं में,
मुस्किलो में जीने का हौशला पाती हूं में।
कितनी भी हो दूरियों दरमियाँ हमारे,
आंखों को जब भी बंद करती हूं
 साथ हमेशा पाती हूं में।
हुई होगी यकीनन गलतियां मुझसे,
दुखाया होगा दिल भी मेने।
फिर भी तुम सब मेरी जिंदगी हो,
हर कदम पर यह एहसास पाया है मेने।
(चाहत)

©Chahat Kushwah
  #frends