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अब भी वही खड़ा हुँ मैं.. संभाल मुझ को बड़ी मुश्किल

अब भी वही खड़ा हुँ मैं..

संभाल मुझ को बड़ी मुश्किल से खड़ा हुँ मैं
न कर नज़र अंदाज़ मुझे तेरी ही सदा हुँ मैं

बुझा न दे बेदर्दी से मुझे सुबह होते ही
तेरी ही खातिर तो रात भर जला हुँ मैं

या रब तेरे सिवा नज़र आता नहीं सहारा
चारो तरफ से यू तुफानो में घिरा हुँ मैं

शामिल हुँ अपनों की महफ़िल में भी अजनबी की तरह
यू हर एक से जुड़ कर भी सब से कटा हुँ मैं

पूछ कर मेरा पता वक्त बरबाद न करो
तुझे नहीं पता खुद ही लापता हुँ मैं

कॉलेज की वो सड़क भी अब सुनी हो गई
आ जाओ मिलने अब भी वही खड़ा हुँ मैं

आंधिया लाख रोकती रही मुसाफिर को मगर
वहा से भी दिप मोहब्बत के जला कर चला हुँ मैं
This

©Nawaz Tahir Raza N T R
  #afsarraza अब भी वहीं खड़ा हूं मैं 😔😔😔💔💔💔💔

#Afsarraza अब भी वहीं खड़ा हूं मैं 😔😔😔💔💔💔💔 #शायरी

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