ए खुदा !!ऐसा न हो ख्वाहिश दिल की सारी पूरी हो जाये, तलब रहे सदा मन मे कभी तृष्णा दिल से जुदा न हो जाये, निर्वात मन को मोह के धागों से कभी भी टूटने न देना, इन धागों को मनमोहित चितचोर चंचला कटाव न हो जाये, हो ध्यानमग्न अपने लक्ष्य पर बगुले की भांति तुम चलना, तनिक चाह में छोड़ लक्ष्य राह से भटकाव न हो जाये। ♥️ Challenge-569 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।