कि हर बार सिर्फ जख्म ही तो मिले हैं दिल को मगर 2 फिर भी उसके मोहब्बत में पहला मुस्कुराना याद आता है। कि उसे खबर ख्याल ना कभी सवाल था मेरा -2 फिर भी रोज संजसंवर्कर अप्रेन में 9 बजे की morning क्लास में आना याद आता है। कि उस अकेले के लिए स्टेटस लगाना 2 सबको हाइड करके बस उसी को दिखाना, अनकहे अनसुने प्यार को indirectly जताना , उसके नाम की हूटिंग से खुद को बचाना और फिर अन्दर ही अन्दर खिलखिलाना याद आता है। कि लेक्चर थियेटर में उसे देखना 2 , डिसेक्शन हॉल के बाद रास्ते में मुंह फेरकर उनका नाक फुलाना याद आता है। कि उसके सारे पिक गैलरी से हटाना 2 अप लॉक गूगल में शिफ्ट करके सबसे छुपाना और रात को सोने से पहले उसको निहारते हुए आंख लगाना याद आता है। कि उसे पागलों की तरह चाहना , एक रिप्लाइ के लिए बार बार मेसेज करना , हर जगह से ब्लॉक होना , फिर एक रोज टेक्स्ट मैसेज में मीठा गाली खाना याद आता है। कि को सपनों में ना हो , उसे जहन में बसाना और और चाहकर भी एकतरफा रिश्ते को पल भर भुलाना याद आता है। Shaukiya Shayar Vivek याद आता है एकतरफा poetry by Vivek Kumar (Shaukiya) #peace #dard shayari #tadap #एकतरफा इश्क़ #पोएट्री#कविता#शायरी