लड़ गये युद्ध मे, अभिमान जब बढ़ने लगे। अड़ गये मैदान में, हाहाकार तब होने लगे। लाल हो गये लहू से, बलिदान जब होने लगे। बुझ गये कुलदीप जब,विलाप तब होने लगे। देखकर संहार,दोनों पक्षो में शर्मसार होने लगे। रण भेरियो के बीच मे,संवाद वो करने लगे। युद्ध हो विराम अब,आगाज वो करने लगे।। नई सुबह के नये फलक का,स्वप्न वो बुनने लगे।। ©श्री...✍🏻 Shilpi Mam सहृदय बहुत बहुत आभार आपका poke करने के लिए🙏🙏#hkkhindipoetry #yqdidi #yqbaba #bestyqhindiquotes #हिन्दी_काव्य_कोश #tmkosh #श्रीsnsa Image source credit goes to google.