Nojoto: Largest Storytelling Platform

ऐक दिन रोओगे बहुत एक दिन पछताओगे बहुत एक दिन आँख

ऐक दिन रोओगे बहुत
एक दिन पछताओगे  बहुत
एक दिन  आँखों मे  सिर्फ    टूटे हुए
इंद्रधनुष होंगे
बिखरे सपने और आंसुओं क़े झरने  होंगे.
तब तुम कर कुछ न पाओगे
क्योंकि वक़्त  चुक गया होगा
हाथों से रेत की तरह फिसल गया होगा
परपंच तुमने किये बहुत  उत्पात  करते रहे  बहुत
उसका फल अब पश्चाताप बन क्रर रह गया है
केवल.. क्योंकि अब तुम्हारे हाथ  खाली  है
जीवन बासा है  सुप्त है
और अब रिक्तता तुम्हे  सालती है
पीड़ा देती है
विषाद से  तुम्हे भर देती है

©Parasram Arora विषाद
ऐक दिन रोओगे बहुत
एक दिन पछताओगे  बहुत
एक दिन  आँखों मे  सिर्फ    टूटे हुए
इंद्रधनुष होंगे
बिखरे सपने और आंसुओं क़े झरने  होंगे.
तब तुम कर कुछ न पाओगे
क्योंकि वक़्त  चुक गया होगा
हाथों से रेत की तरह फिसल गया होगा
परपंच तुमने किये बहुत  उत्पात  करते रहे  बहुत
उसका फल अब पश्चाताप बन क्रर रह गया है
केवल.. क्योंकि अब तुम्हारे हाथ  खाली  है
जीवन बासा है  सुप्त है
और अब रिक्तता तुम्हे  सालती है
पीड़ा देती है
विषाद से  तुम्हे भर देती है

©Parasram Arora विषाद

विषाद