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नोजोटो पर अपनी पहचान जानता हूँ बारीक सा है मैं

नोजोटो पर अपनी पहचान जानता हूँ 
  बारीक सा है मैं नमक सा हूं
 
जितनी मेरी कीमत कम है,मेरा उपयोग उतना कम हैं।
मैं खो ना दूं अस्तित्व अपना,बस इसी बात का गम है।

मैं पानी बनूं,या बिखरूं जमीन पर,कब मुझे संभाला है।
आ जाए खाने में स्वाद,बस ये सोच ही मुझे डाला है।

मिठाई हो जहां पर,वहां से हमेशा मुझे दूर रखा है ।
मीठे के बाद तीखे को जी चाहा,फिर मुझे चखा है।

जरा सा अगर ज्यादा हुआ,तो मुंह से मुझे थूका गया।
सब्जी में बिगड़े स्वाद का,ब्लेम मुझ पर थोंपा गया।

सबको मालूम है,मैं मौजूद नहीं पकवान कैसे बनेगा।
जरूरत सा ही सही,मेरा हिस्सा तो खाने में डलेगा।

लिस्ट में उपर नाम मेरा,बेग में सबसे पहले डाला गया।
सबका बोझ सहकर भी, अनाथों सा मुझे पाला गया।

मैं नरेश हूं स्वाद का,उस दिन सबको मालूम हो जाएगा।
जिस दिन मेरा नामों निशान इस धरती से मिट जाएगा।

मै नमक सही,मेरी हैसियत के मुताबिक मेरी पुकार है।
मुझे ये गुमान सही,मेरी गैरमौजूदगी में सब बेकार है।
                मेरी गैरमौजूदगी में सब बेकार है.............

🤔#निशीथ🤔

©Nisheeth pandey नोजोटो पर अपनी पहचान जानता हूँ 
  बारीक सा है मैं नमक सा हूं
 
जितनी मेरी कीमत कम है,मेरा उपयोग उतना कम हैं।
मैं खो ना दूं अस्तित्व अपना,बस इसी बात का गम है।

मैं पानी बनूं,या बिखरूं जमीन पर,कब मुझे संभाला है।
आ जाए खाने में स्वाद,बस ये सोच ही मुझे डाला है।
नोजोटो पर अपनी पहचान जानता हूँ 
  बारीक सा है मैं नमक सा हूं
 
जितनी मेरी कीमत कम है,मेरा उपयोग उतना कम हैं।
मैं खो ना दूं अस्तित्व अपना,बस इसी बात का गम है।

मैं पानी बनूं,या बिखरूं जमीन पर,कब मुझे संभाला है।
आ जाए खाने में स्वाद,बस ये सोच ही मुझे डाला है।

मिठाई हो जहां पर,वहां से हमेशा मुझे दूर रखा है ।
मीठे के बाद तीखे को जी चाहा,फिर मुझे चखा है।

जरा सा अगर ज्यादा हुआ,तो मुंह से मुझे थूका गया।
सब्जी में बिगड़े स्वाद का,ब्लेम मुझ पर थोंपा गया।

सबको मालूम है,मैं मौजूद नहीं पकवान कैसे बनेगा।
जरूरत सा ही सही,मेरा हिस्सा तो खाने में डलेगा।

लिस्ट में उपर नाम मेरा,बेग में सबसे पहले डाला गया।
सबका बोझ सहकर भी, अनाथों सा मुझे पाला गया।

मैं नरेश हूं स्वाद का,उस दिन सबको मालूम हो जाएगा।
जिस दिन मेरा नामों निशान इस धरती से मिट जाएगा।

मै नमक सही,मेरी हैसियत के मुताबिक मेरी पुकार है।
मुझे ये गुमान सही,मेरी गैरमौजूदगी में सब बेकार है।
                मेरी गैरमौजूदगी में सब बेकार है.............

🤔#निशीथ🤔

©Nisheeth pandey नोजोटो पर अपनी पहचान जानता हूँ 
  बारीक सा है मैं नमक सा हूं
 
जितनी मेरी कीमत कम है,मेरा उपयोग उतना कम हैं।
मैं खो ना दूं अस्तित्व अपना,बस इसी बात का गम है।

मैं पानी बनूं,या बिखरूं जमीन पर,कब मुझे संभाला है।
आ जाए खाने में स्वाद,बस ये सोच ही मुझे डाला है।

नोजोटो पर अपनी पहचान जानता हूँ बारीक सा है मैं नमक सा हूं जितनी मेरी कीमत कम है,मेरा उपयोग उतना कम हैं। मैं खो ना दूं अस्तित्व अपना,बस इसी बात का गम है। मैं पानी बनूं,या बिखरूं जमीन पर,कब मुझे संभाला है। आ जाए खाने में स्वाद,बस ये सोच ही मुझे डाला है। #poem #AugustCreator #AzaadKalakaar #MyJourneyWithNojoto